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    नेटिवो वृद्धिमित्र: भारत के मक्का उत्पादकों और किसानों के लिए विज्ञान-संचालित सुरक्षा
    Jun 12, 2025
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    उत्तर भारत में मक्का की अधिकांश फसल को एक महत्वपूर्ण बीमारी का खतरा है जिसे उत्तर भारतीय मक्का पत्ती रोग/मक्का पत्ती झुलसा रोग (एनसीएलबी) कहा जाता है — यह एक फफूंद जनित रोग है। इस बीमारी की पहचान पत्तियों पर लंबे अंडाकार धब्बों या घावों के रूप में की जाती है। यदि इसका प्रबंधन न किया जाए, तो यह रोग प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को कम कर देता है और उपज को घटा सकता है। बायर का नेटिवो विश्वसनीय और पूर्ण रोग प्रबंधन प्रदान करता है और इसका उपयोग रोग के शुरुआती लक्षण पर ही कर देना चाहिए।
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    नेटिवो का सक्रिय घटक टेबुकोनाज़ोल 50% + ट्रिफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 25% डब्ल्यूजी है। इसके पैक आकार 10 ग्राम, 50 ग्राम, 100 ग्राम, 250 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलोग्राम में उपलब्ध हैं। इसका सूत्रीकरण पानी में घुलनशील दानेदार है। यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों के खिलाफ प्रभावी है।
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    नेटिवो, दो अलग-अलग तरह से कार्रवाई करता है, जिसे अच्छे परिणाम मिलते है टेबुकोनाज़ोल के कारण उत्कृष्ट रोगनिवारक और ट्राइफ्लॉक्सीस्ट्रोबिन के कारण सुरक्षात्मक परिणाम देता है। मेसोस्टेमिक (अच्छी पैठ और पुन: वितरण) को प्रदर्शित करता है। उपयोग के समय में लचीलेपन के साथ, कई फफूंद रोगों का व्यापक-स्तरीय नियंत्रण करता है। जैविक और अजैविक कारकों के विरुद्ध फसलों को बेहतर तनाव सहनशीलता प्रदान करता है।
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    भंडारगृह और अनाज को रोगमुक्त और स्वस्थ रखता है। नेटिवो फसल की बीमारी को बहुत ही अच्छे तरीके से रोकथाम करते हुए पत्तियों के स्वस्थ विकास को समर्थन देता है, जिससे फसल का स्वस्थ विकास होता है। पौधे ज्यादा समय तक मजबूती से खड़े रहते हैं, जिससे दानों की भराई के लिए ज्यादा समय मिलता है। नेटिवो बीमारियों का रोकथाम करके पैदावार और गुणवत्ता में हानि को कम से कम करने में मदद करता है। नेटिवो के कारण पत्तियाँ स्वस्थ होती हैं, जिससे सूर्य की ऊर्जा को प्राप्त करके मकई की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलती है।
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    उत्तर भारतीय मक्का पत्ती रोग/मक्का पत्ती झुलसा रोग के प्रबंधन के लिए पहला छिड़काव मक्का की 5–6 पत्ती अवस्था में करें। 140 ग्राम नेटिवो को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें (यह एक रोकथाम हेतु छिड़काव है। भुट्टे के स्वस्थ विकास के लिए, दूसरा छिड़काव टैसल गठन (पुष्प बल्लड़ आने के अवस्था) अवस्था में किया जाना चाहिए। प्रतीक्षा अवधि लगभग 15 दिन है।
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    15 लीटर बैटरी से चलने वाले नैपसेक स्प्रेयर का उपयोग करें। सामान्य परिस्थितियों में, दो फफूंदनाशकों के छिड़काव के बीच कम से कम 8 से 10 दिन का अंतराल होना चाहिए। यदि जलवायु परिस्थितियाँ रोग की प्रगति के लिए अनुकूल हैं, तो दो फफूंदनाशकों के छिड़काव के बीच 7 से 10 दिन का अंतराल रखें।
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    न्यूनतम 10 टैंक/एकड़ यानी 200 लीटर पानी का उपयोग करें । एक बाल्टी में 10 लीटर पानी लें और 140 ग्राम नेटिवो मिलाएं जिसे पूरे एकड़ (स्टॉक सोल्यूशन) के लिए डाला जाना है। नैपसैक पंप की हर रीफिलिंग पर अच्छी तरह से हिलाएं और इस्तेमाल करते समय प्रत्येक नैपसैक पंप के लिए प्रत्येक लीटर स्टॉक सोल्यूशन का उपयोग करें।
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    नेटिवो एक शक्तिशाली फफूंदनाशक है जो पौधों को बीमारियों से बचाता और उनका उपचार करता है। टेबुकोनाज़ोल फफूंद के विकास को रोकता है, जबकि ट्रिफ्लोक्सीस्ट्रोबिन फफूंद की श्वसन प्रक्रिया को बाधित करता है। साथ में, ये फसलों को स्वस्थ और रोग-मुक्त रखते हैं।
    टेबुकोनाज़ोल फफूंद को कोशिका भित्ति बनाने से रोकता है, जिससे उनका विकास और प्रजनन रुक जाता है। ट्रिफ्लोक्सीस्ट्रोबिन पौध-रोगजनक फफूंद की श्वसन प्रक्रिया को बाधित करता है। नेटिवो मेसोस्टेमिक कार्यशीलता दिखाता है। नेटिवो की मोमयुक्त परत से अच्छी संपर्कशीलता होती है, यह पौधे की सतह पर सतही वाष्प गति के माध्यम से पुनः वितरित होता है और पत्तियों के ऊतकों में प्रवेश करता है।
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    उपयोग करने से पहले मौसम की स्थिति की जांच करें। निर्दिष्ट फसलों के अलावा अन्य फसलों पर उपयोग न करें। यह उत्पाद मछली और जलीय अकशेरुकी जीवों के लिए विषाक्तता के लिए जाना जाता है, इसलिए इसे जलीय कृषि में और उसके आसपास उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है।
    नेटिवो को निवारक फफूंदनाशी के रूप में डाला जाना चाहिए। नेटिवो का फसल पर छिड़काव क्रमबद्ध कार्यक्रम के तहत किया जाना चाहिए।
    निर्यातक देश के मानदंडों के अनुसार टेबुकोनाजोल अवशेषों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
    नेटिवो बायर की एक शानदार खोज है जो पिछले वर्षों से अनेक भारतीय किसानों की पहली पसंद बन चुकी है। नेटिवो ने फसल को सुरक्षा दिलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए नेटिवो को मेरा वृद्धिमित्र नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह एक ऐसा साथी है जो खुशहाली की राह दिखाता है।
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